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पीपुल्स कॉन्फ्रेंस लीडर लोन से मिले राम माधव, सूत्रों ने कहा- असंतुष्ट नेता जम्मू-कश्मीर में 'सुनामी' लाने को तैयार

6 वर्ष पहले
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- कांग्रेस ने बुलाई आपात बैठक, राज्य के हालात पर की चर्चा
- महबूबा मुफ्ती ने इन चर्चाओं को बताया मीडिया की कल्पना

 

नई दिल्ली.  जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद 20 जून से राज्यपाल शासन लागू है। लेकिन अब यहां नई सरकार बनने की चर्चा तेज हो गई है। न्यूज एजेंसी ने भाजपा के सूत्रों के हवाले से खबर दी कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कुछ नेता भाजपा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सुनामी लाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए पीडीपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के बागी और असंतुष्ट नेता कुछ दिनों में एक साथ आ सकते हैं। यह चर्चा तेज इसलिए हुई क्योंकि बीते 27 जून को ही भाजपा नेता राम माधव ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन से मुलाकात की थी। 
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली में आपात बैठक बुलाई। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी के कुछ बागियों का समर्थन हासिल करने पर विचार किया गया। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद शामिल थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की। 


अटकलों से कांग्रेस का इनकार : कांग्रेस ने गठबंधन की कोशिशों से इनकार किया। बैठक में शामिल अंबिका सोनी ने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने के पक्ष में है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारी सीधी मांग है कि जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए। राज्यपाल शासन की आड़ में भाजपा का शासन क्यों चल रहा है? श्रीनगर में हुई एक बैठक के बाद भी कांग्रेस ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए पीडीपी या किसी भी पार्टी का साथ देने जैसा सवाल ही नहीं उठता। 

 

नाराज हैं पीडीपी विधायक :  पीडीपी के 5 विधायकों ने रविवार को पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई थी और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर भाई-भतीजावाद की राजनीति करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि पीडीपी में दम घुटने जैसा महसूस कर रहे हैं।पट्‌टन से पीडीपी के विधायक और पूर्व मंत्री इमरान अंसारी ने महबूबा मुफ्ती से असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि हम पार्टी में क्या करेंगे? पार्टी पर कुछ लोगों ने अधिकार जमा रखा है। पीडीपी की कार्यप्रणाली से तंगमार्ग के विधायक अब्बास वानी भी नाराज बताए जा रहे हैं। 

 

भाजपा नेता लोन के संपर्क में : राज्य के भाजपा नेता उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद लोन के संपर्क में हैं, जिन्हें अलगाववादी समर्थक और मुख्यधारा का राजनेता माना जाता है। 2002 में एक रैली के दौरान श्रीनगर में मारे गए अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के छोटे बेटे सज्जाद लोन को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी में दोबारा जान फूंकने का श्रेय दिया जाता है। 

 

महबूबा ने भी अटकलों को खारिज किया : जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने की चर्चा के बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि पीडीपी और कांग्रेस के संभावित गठबंधन को लेकर मीडिया की अटकलों पर हंसी आती है। इस हिसाब से सोनिया गांधी के साथ मेरी बैठक भी होगी। यह कल्पना पर आधारित पूरी तरह झूठी खबर है। 

 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की स्थिति : 87 सदस्यों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा के 25 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए इसे 19 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में 28 विधायकों वाली पीडीपी के कई नाराज नेताओं के भाजपा से जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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